Citizenship of India: In this page, I will tell you one more important topic of India polity Notes in Hindi. यह जानकारी आपको हिंदी में जी गई है। तो इस पेज को ध्यान पूर्वक पढ़ते रहिए और पोस्ट को और जानिए इस विषय की पूरी जानकारी हिंदी में।
How to get Citizenship of India
संविधान भारतीय नागरिकों को निम्नलिखित अधिकार एवं विशेष अधिकार प्रदान करता है लेकिन यह अधिकार विदेशियों को नहीं दिए जाते हैं
धर्म, मूल, जाति, लिंग या समता का अधिकार, शिक्षा संबंधी, लोकसभा व राज्यसभा में मतदान का अधिकार आदि।
भारत में नागरिक जन्म से या प्राकृतिक रूप से राष्ट्रपति बनने की योग्यता रखते हैं परंतु अमेरिका में केवल जन्म से नागरिक ही राष्ट्रपति बन सकता है।
Citizenship of Indian Constitution
संविधान के भाग 2 में अनुच्छेद 5 से 11 तक मैं नागरिकता के बारे में चर्चा की गई है। संसद नें नागरिकता अधिनियम 1955 को लागू किया है। संविधान निर्माण के उपरांत चार श्रेणियों के लोग भारत के नागरिक बने-
- जो भारत का मूल निवासी है
- जो पाकिस्तान से आया हो तथा उसके मां-बाप भारत में पैदा हुए हो तथा वह 19 जुलाई 1948 से पहले स्थानांतरित हुआ हो। अगर इसके बाद प्रवसन किया है तो वह भारत के नागरिक के रूप में पंजीकृत हो तथा उसके लिए उसे भारत में छह माह तक निवास आवश्यक है।
- एक व्यक्ति जो 1 मार्च 1947 के बाद भारत से पाकिस्तान स्थानांतरित हो गया हो लेकिन बाद में फिर लौट आया हो।
- एक व्यक्ति जिसके बाबा भारत में पैदा हुए हो लेकिन बाहर रह रहे हैं वह भी पंजीकरण करा कर भारत का नागरिक बन सकता है( अनुच्छेद 8)।
- वह व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं माना जाएगा जो शिक्षा से अन्य देश की नागरिकता ग्रहण करता है( अनुच्छेद9)
- संसद नागरिकता के अर्जन और समाप्ति तथा नागरिकता संबंधी अन्य सभी विषयों के संबंध में विधि बना सकती है।
नागरिकता अधिनियम 1955 को अब तक चार बार संशोधित किया जा चुका है।
- 1986, 2. 1992, 3. 2000, 4. 2004
जब विदेशी क्षेत्र भारत का हिस्सा बनते हैं तो सरकार उस क्षेत्र के व्यक्तियों को भारत के नागरिक एक नागरिकता आदेश जारी करने की बात बन जाते हैं। उदाहरण के तौर पर पांडिचेरी आदेश जारी हुआ 1962 उसके तहत पांडिचेरी को भारत का केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया।
एक विदेशी भारत की नागरिकता पा सकता है अगर:
- वह नागरिकता संबंधी आवेदन देने से पहले कम से कम 12 माह पूर्व भारत में रह रहा है।
- 12 माह की इस अवधि से 14 वर्ष पूर्व से वह भारत में रह रहा है।
- दूसरे देश की नागरिकता त्याग नहीं होगी तभी उस को भारत की नागरिकता प्रदान की जा सकती है।
नागरिकता की समाप्ति:
नागरिकता खोने के तीन कारण बताए गए हैं।
- स्वैच्छिक त्याग- एक नागरिक जो पूर्ण आयु और क्षमता का हो भारत की नागरिकता त्याग सकता है लेकिन जब भारत युद्ध में व्यस्त हो तो यह व्यवस्था लागू नहीं होगी।
- बर्खास्तगी द्वारा- अगर स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण करता है तो उसकी नागरिकता बर्खास्त हो जाएगी लेकिन युद्ध के दौरान उसका आवेदन रद्द कर दिया जाएगा।
- वंचित करने द्वारा- केंद्र सरकार द्वारा नागरिक को बर्खास्त करना होगा यदि नागरिकता फर्जी तरीके से प्राप्त करता है। अगर संविधान के प्रति अनादर जताया है। युद्ध के दौरान शत्रु से मिल गया हो तथा उसे गुप्त सूचना दी हो। पंजीकरण के 5 वर्ष बाद उसे किसी देश में 2 वर्ष की कैद हुई हो तथा सामान्य रूप से 7 वर्ष से भारत के बाहर रह रहा है।
Single Citizenship of India
भारतीय संविधान संघीय है तथा इसनें दोहरी पद्धति केंद्र व राज्य पद्धति अपनाई है। इसमें केवल एकल नागरिकता की व्यवस्था की गई है। यहां राज्यों के लिए कोई प्रथक नागरिकता नहीं है। अन्य संघीय राज्य अमेरिका व स्विजरलैंड ने दोहरी नागरिकता को अपनाया है। इसका यह मतलब है अगर कोई अमेरिका का नागरिक अमेरिका की नागरिकता को अपनाता है तो वह जिस राज्य में रह रहा है उस राज्य की भी नागरिकता अपनाता है। भारतीय संविधान किसी भी नागरिक के खिलाफ धर्म मूलवंश जाति लिंग या निवास के आधार पर भेदभाव करने पर प्रतिबंध लगाता है। भारत का संविधान कनाडा की तरह एक नागरिकता का उपयोग करता है।
Article of Citizenship of India
अनुच्छेद 5 संविधान लागू होने के समय नागरिकता
अनुच्छेद 6 पाकिस्तान से भारत आए लोगों के लिए नागरिकता
अनुच्छेद 7 पाकिस्तान के प्रव्रजित व्यक्तियों के नागरिकता अधिकार
अनुच्छेद 8 भारत मूल के वे लोग जो बाहर विकास कर रहे हैं के नागरिकता अधिकार
अनुच्छेद 9 स्वेच्छा से जो व्यक्ति विदेशी नागरिकता पाता है वह भारतीय नागरिकता को देता है
अनुच्छेद 10 नागरिकता अधिकारों की निरंतरता
अनुच्छेद 11 संसद के कानून द्वारा नागरिकता कानून का नियमन
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