Indian Polity

President of India: Powers, Functions, Salary, Oath in Hindi

President of India: Powers, Functions, Salary, Oath in Hindi: In this post, I am sharing an important information about President of India in Hindi: So read the article carefully till the end.

चलिए जानते हैं हमारे राष्ट्रपति के बारे में। क्या क्या शक्तियां हैं एक भारतीय राष्ट्रपति में तथा उसके कर्तव्यों के बारे में।

राष्ट्रपति का कार्यकाल तथा महाभियोग

  • राष्ट्रपति 05 वर्ष तक पद पर रहता है।
  • तथा किसी भी समय अपना त्यागपत्र पदावधि में उप राष्ट्रपति को दे सकता है।
  • उस पर उसके कार्याकाल से पहले महाभियोग चलाकर भी हटाया जा सकता है।
  • जब तक उसका उत्तराधिकारी पद गृहण नहीं कर लेता तब तक वह 5 साल के बाद भी रह सकता है।
  • वह कितनी भी बार निर्वाचित हो सकता है।
  • महाभियोग के लिए आरोपों पर सदन के ¼ सदस्यों के हस्ताक्षर हों तथा राष्ट्रपति को 14 दिन का नोटिस देना चाहिए।
  • महाभियोग का प्रस्ताव 2/3 बहूमत से पारित होने के वाद यह दूसरे सदन में भेजा जाता है जिसे इन आपोपों की जांच करनी होती है।
  • महाभियोग कोई भी सदन शुरू कर सकता है।
  • यदि दूसरा सदन इन आरोपों को सही पाता है तो राष्ट्रपति को विधेयक पारति की तिथि से उसके पद से हटाना होगा
  • इस विधेयक में संसद के दोनों सदनों के नामांकित सदस्य भाग ले सकते हैं लेकिन राज्य विधानसभा व केंन्द्र शासित प्रदेश के भाग नहीं ले सकते।

Note: अभी तक किसी भी राष्ट्रपति पर महाभियोग नहीं चलाया गया है।

राष्ट्रपति का पदरिक्त होने पर

  • मृत्यु होने पर त्यागपत्र देने पर उप राष्ट्रपति उसका पदभार गृहण करता है नए राष्ट्रपति बनने तक (6 महीनें के भीतर चुनाव हो जाना चाहिए)।
  • उप राष्ट्रपति का पद रिक्त हो तो भारत का मुख्य न्यायाधीस Chief Justice of India.
  • Chief Justice के न होनें पर उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश।
  • जो भी इस समय यह पद धारण करेगा उसे वो सारी चीजें उपलव्ध होंगी जो राष्ट्रपति को मिलती हैं.

Powers and functions of President of India

  • भारत सरकार के सभी शासन सम्बंधी कार्य उसके नाम पर होते हैं वह नियम बनाता है ताकि सभी काम वैध हों।
  • प्रधानमंत्री व अन्य मंत्री की नियुक्ति करता है।
  • महान्यायवादी की नियुक्ति व वेतन आदि निर्धारित करता है।
  • महानियंत्रक व महालेखा परीक्षक की नियुक्ति।
  • मुख्य चुनाव आयुक्त व अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति।
  • राज्यों के राज्यपाल की नियुक्ति
  • वित्त आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति
  • केंद्र प्रशासनिक कार्यों व अन्य से सम्वंधित जानकारी की मां प्राधानमंत्री से करता है।
  • अनुसूचित जाति व जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए एक आयोग की नियुक्ति कर सकता है।
  • केन्द्रशासित प्रदेशों का प्रशासन सीधे संभालता है
  • वह किसी भी क्षेत्र को अनुसूचित कर सकता है।
  • वह संसद की बैठक वुला तथा स्थगित कर सकता है।
  • लोकसभा को विघटित कर सकता है।
  • संसद के संयुक्त अधिवेशन का आह्वान कर सकता है।
  • वह प्रत्येक चुनाव के बाद संसद वह प्रत्येक वर्ष संसद के प्रथम अधिवेशन को संवोधिक कर सकता है।
  • वह साहित्य विज्ञान कला व समाजसेवा से जुड़े 12 सदस्यों को राज्यसभा के लिए मनोनीत कर सकता है।
  • 02 आंग्ल भारतियों को लोकसभा के लिए मनोनीत कर सकता है।

संसद के कुछ विशेष प्रकार के विधेयक को प्रस्तुत करने के लिए उसकी सिफारिश व आज्ञा आवश्यक है जैसेसंचित निधि से खर्च संबंधी विधेयक या राज्यों की सीमा परिवर्तन या नए राज्य संबंधी विधेयक

राष्ट्रपति की विधेयक संबधी शक्तियां।

  • जब एक विधेयक संसद द्वारा पारित होकर राष्ट्रपति के पास जाता है तो वह (अनुच्छेद 111):-
  • विधेयक पर अपनी स्वीकृति देता अथवा सुरक्षित रखता है।
  • अथवा विधेयक को संसद के पुनर्विचार हेतु लौटा देता है।
  • धन विधेयक राष्ट्पति की पूर्वानुमति से ही संसद में पेश किया जा सकता है।
  • वह केन्द्रीय वजट को संसद के समक्ष रखता है।
  • वह भारत की आकस्मिक निधि से किसी अद्रश्य व्यय आग्रिम भुगतान की व्यवस्था कर सकता है।
  • वह राज्य व केन्द्र के मध्य राजस्व के वंटवारे के लिए प्रत्येक 5 वर्ष में एक वित्त आयोग का गठन करता है
  • यदि संसद विधेयक को पुन: पेश करती है तो राष्ट्रपति को अपनी सहमति देनी ही होती है।

राष्ट्रपति की न्यायिक शक्तियां:

  • वह उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति करता है।
  • वह किसी अपराधी के दोषसिद्ध को निलंवित, राहत या फिर माफ व उसमें परिवर्तन कर सकता है।

राष्ट्रपति कीसैन्य शक्तियां:-

  • भारत की तीनों सेना थल सेना, जल सेना व वायु सेना का सर्वोच्च सेनापति होता है।
  • इन सेनाओं के प्रमुखों की भी नियुक्ति करता है।
  • वह युद्ध व उसकी समाप्ति की घोषणा भी संसद की अनुमति के अनुसार करता है।

राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियां:-

  • संविधान नें राष्ट्रपति को 3 आपातकालीन शक्तियां प्रदान की हैं।
  • राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352) यह 3 बार घोषित हो चुका है।
  • ऱाष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) यह कई बार घोषित हो चुका है तथा।
  • वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360) एक भी बार घोषित नहीं हुआ है।

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